बजरंग बाण, जो कि लता मंगेशकर द्वारा गाया गया है, एक प्रसिद्ध भजन है जो भक्तों को अपने असीम शक्ति और आंतरिक बल का अनुभव कराता है। इस गीत के बोल में भगवान बजरंगबली की महिमा, उनके गुण, और उनकी कृपा का वर्णन किया गया है। यह गीत हिंदी भाषा में लिखा गया है और इसके बोल बहुत ही महत्वपूर्ण और आरामदायक हैं। इस लेख में हम इस गीत के बारे में विस्तार से बात करेंगे और उसका महत्व समझेंगे। Bajrang baan lata mangeshkar lyrics
बजरंग बाण – भगवान बजरंगबली की महिमा
बजरंग बाण एक ऐसा भजन है जिसे गाने से भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। यह गीत श्रद्धालुओं के द्वारा बजरंगबली की पूजा एवं आराधना के लिए प्रयोग किया जाता है। बजरंग बाण का अर्थ है “बजरंगबली की वज्र बाण”। इस भजन में बजरंगबली की शक्ति, उनके दिव्य गुण, और महाकाय रूप का वर्णन किया गया है। यह गीत भक्तों को संकटों से मुक्ति और सुख-शांति की प्राप्ति का माध्यम बनता है।
लता मंगेशकर के गाये हुए बजरंग बाण के बोल
बजरंग बाण के बोल बहुत ही प्रभावशाली हैं और उन्हें सुनने से भक्तों के मन में शांति और आनंद की भावना पैदा होती है। यह गीत लता मंगेशकर द्वारा बहुत ही सुंदर ढंग से गाया गया है और उनकी मधुर आवाज ने इसे और भी अद्भुत बना दिया है। इस गीत के बोल बहुत ही प्रेरक हैं और उन्हें सुनने से भक्तों को भगवान बजरंगबली की कृपा का अनुभव होता है। यह गीत भक्तों को उनके जीवन में सफलता और खुशहाली की प्राप्ति में मदद करता है।
बजरंग बाण के महत्वपूर्ण तत्व
बजरंग बाण के गीत में कई महत्वपूर्ण तत्व हैं जो भक्तों के द्वारा ध्यान से सुने जाने चाहिए। यहां हम इन तत्वों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे:
1. बजरंगबली की महिमा
बजरंग बाण के गीत में बजरंगबली की महिमा का वर्णन किया गया है। इसमें उनकी अद्भुत शक्ति, पौराणिक कथाओं में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका, और उनके वीरता का चित्रण किया गया है। यह भजन भक्तों को उनके आंतरिक बल और सामर्थ्य का अनुभव कराता है और उन्हें भगवान बजरंगबली की आराधना में संगत बनाता है।
2. शुभ कार्यों के लिए आशीर्वाद
बजरंग बाण के गीत में उनकी कृपा का वर्णन किया गया है और इसे शुभ कार्यों के लिए एक आशीर्वाद माना जाता है। यह गीत भक्तों को संकटों से मुक्ति दिलाता है और उनके जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए एक मार्गदर्शन प्रदान करता है।
3. भक्ति और समर्पण
बजरंग बाण के गीत के माध्यम से भक्ति और समर्पण की भावना को प्रकट किया गया है। यह भजन भक्तों को भगवान की भक्ति में आराम और आनंद का अनुभव कराता है और उन्हें अपने जीवन को भगवान के सामर्थ्य में समर्पित करने की प्रेरणा देता है।
श्री बजरंग बाण
॥दोहा॥
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करै सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करै हनुमान॥
॥चौपाई॥
जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥
जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥
जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥
आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका॥
जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परम पद लीन्हा॥
बाग उजारि सिन्धु महं बोरा। अति आतुर यम कातर तोरा॥
अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥
लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुर पुर महं भई॥
अब विलम्ब केहि कारण स्वामी। कृपा करहुं उर अन्तर्यामी॥
जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होइ दु:ख करहुं निपाता॥
जय गिरिधर जय जय सुख सागर। सुर समूह समरथ भटनागर॥
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्त हठीले। बैरिहिं मारू बज्र की कीले॥
गदा बज्र लै बैरिहिं मारो। महाराज प्रभु दास उबारो॥
ॐकार हुंकार महाप्रभु धावो। बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो॥
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमन्त कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा॥
सत्य होउ हरि शपथ पायके। रामदूत धरु मारु धाय के॥
जय जय जय हनुमन्त अगाधा। दु:ख पावत जन केहि अपराधा॥
पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥
वन उपवन मग गिरि गृह माहीं। तुमरे बल हम डरपत नाहीं॥
पाय परौं कर जोरि मनावों। यह अवसर अब केहि गोहरावों॥
जय अंजनि कुमार बलवन्ता। शंकर सुवन धीर हनुमन्ता॥
बदन कराल काल कुल घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥
भूत प्रेत पिशाच निशाचर। अग्नि बैताल काल मारीमर॥
इन्हें मारु तोहि शपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥
जनकसुता हरि दास कहावो। ताकी शपथ विलम्ब न लावो॥
जय जय जय धुनि होत अकाशा। सुमिरत होत दुसह दु:ख नाशा॥
चरण शरण करि जोरि मनावों। यहि अवसर अब केहि गोहरावों॥
उठु उठु चलु तोहिं राम दुहाई। पांय परौं कर जोरि मनाई॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलन्ता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता॥
ॐ हं हं हांक देत कपि चञ्चल। ॐ सं सं सहम पराने खल दल॥
अपने जन को तुरत उबारो। सुमिरत होय आनन्द हमारो॥
यहि बजरंग बाण जेहि मारो। ताहि कहो फिर कौन उबारो॥
पाठ करै बजरंग बाण की। हनुमत रक्षा करै प्राण की॥
यह बजरंग बाण जो जापै। तेहि ते भूत प्रेत सब कांपे॥
धूप देय अरु जपै हमेशा। ताके तन नहिं रहे कलेशा॥
॥दोहा॥
प्रेम प्रतीतिहिं कपि भजै, सदा धरै उर ध्यान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करै हनुमान॥
समाप्ति
बजरंग बाण, जिसे लता मंगेशकर द्वारा गाया गया है, एक अत्यंत प्रसिद्ध भजन है जो भक्तों को उनके असीम शक्ति और आंतरिक बल का अनुभव कराता है। इस गीत के बोल में भगवान बजरंगबली की महिमा, उनके गुण, और उनकी कृपा का वर्णन किया गया है। इस गीत के बोल बहुत ही महत्वपूर्ण और आरामदायक हैं और उन्हें सुनकर भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है।